घर में सुख व समृद्धि के लिए रखे दिशा के अनुरूप दीवारों के रंग

दिशाओं के अनुरूप विभिन्न रंगों का चयन

घर को वास्तु अनुकूल बनाने के लिए करे दिशाओं के अनुरूप विभिन्न रंगों का चयन

 
रंगों के संयोजन से आप भी अपने घर को वास्तु अनुकूल बना सकते हैं । बस जरूरत है दिशाओं के अनुरूप विभिन्न रंगों का चयन करने की ।

रंगो का हमारे जीवन में विशेष महत्व है । चाहे बात कपड़ों की हो या घर की दीवारों की रंगों की । रंगों का संयोजन यदि दिशा के अनुकूल हो, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है । जिससे घर में सुख व समृद्धि बनी रहती है । साथ ही साथ घर के लोग स्वस्थ भी रहते हैं । तो आप भी करें रंगों का बेहतर चयन:

● उत्तर-पूर्व दिशा अर्थात ईशान कोण पृथ्वी तत्व से संबंधित है । इस कोण में पीले एवं मटमैले रंग श्रेष्ठ, लाल और नारंगी रंग मध्यम तथा हरे रंग अशुभ होते हैं । क्योंकि पीला रंग पृथ्वी का प्रतीक है । इसका प्रयोग सौहार्द और संबंध कायम करने के लिए किया जाता है । इसका मतलब है कि आप अपने संबंधों में सौहार्द या गर्माहट लाना चाहते हैं, तो इस दिशा में पीले रंग का प्रयोग करें ।

● उत्तर दिशा जल तत्व से संबंधित है । इस दिशा में नीला और काला रंग श्रेष्ठ, सफेद रंग मध्यम तथा पीला व मटमैला रंग अशुभ होता है ।

लाल रंग अग्नि का प्रतीक है । इसका प्रयोग ख्याति और प्रसिद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है

● उत्तर-पश्चिम दिशा अर्थात वायव्य कोण धातु तत्व से संबंधित मानी गई है । इस कोण में सफेद और रुपहला रंग श्रेष्ठ माना गया है । पीला एवं मटमैला रंग मध्यम दर्जे का प्रभाव देता है जबकि लाल और नारंगी रंग इस दिशा के लिए अशुभ माना गया है । वायव्य कोण के लिए यथासंभव श्रेष्ठ रंगों का प्रयोग ही किया जाना चाहिए । इससे घर में सुख शांति-बनी रहती है ।

● पश्चिम दिशा भी धातु तत्व का प्रतीक है । इस दिशा में सफेद और स्लेटी रंग अच्छा होता है । लेकिन पीला व मटमैला रंग मध्यम स्तर का प्रभाव डालता है । अतः पश्चिम दिशा के वास्तु में इन्हीं रंगों का प्रयोग करना चाहिए । इस दिशा में लाल या नारंगी रंग का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए ।

● दक्षिण-पश्चिम दिशा अर्थात नेतृत्य कोण पृथ्वी तत्व का प्रतिनिधित्व करता है । इस कोण में पीला और मटमैला रंग श्रेष्ठ तथा लाल एवं नारंगी रंग मध्यम स्तर का प्रभाव डालता है । अतः नेतृत्य कोण के वास्तु में उपर्युक्त रंगों का प्रयोग करके शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं । लेकिन इस दिशा में हरे रंग का प्रयोग वर्जित है ।

● दक्षिण दिशा अग्नि तत्व से संबंधित है । इस दिशा में लाल एवं नारंगी रंग शुभ होता है । हरा रंग मध्यम और काला और नीला रंग अशुभ प्रभाव देता है ।

● दक्षिण-पूर्व दिशा यानी आग्नेय कोण काष्ठ तत्व से संबंधित है । इस कोण के लिए हल्का हरा रंग अच्छा माना गया है । जबकि नीला व काला रंग मध्यम प्रभाव देने वाला होता है । लेकिन सफेद इस दिशा के लिए अशुभ है ।

● पूर्व दिशा काष्ठ तत्व से संबंधित है । इस दिशा में हरा रंग सुबह फल दायी, नीला और कला रंग मध्यम दर्जे का तथा सफेद व रुपहला हानिकारक होता है । इस तरह शुभ रंगों का प्रयोग कर जिंदगी खुशहाल बना सकते हैं ।

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